120+ रोमांटिक शायरी, (Romantic shayari) :- काश भगवान मुझसे छोड देते किताब बना कर…वो रात भर हमे पढ़ते…और फिर सो जाते सीने से लगाकर....
हिन्दी रोमांटिक शायरी
(1) चाँद की एहमियत चाँदनी ही जाने,
सागर की लहरों की एहमियत किनारा ही जाने.
आपकी ज़िंदगी मे हमारी एहमियत क्या है,
वो तो आपका प्यार भरा दिल ही जाने!!
(2) हम उनके हुस्न में इस कदर खो जाते हैं
उनको बताने में ज़माने लग जाते हैं
एक वो हैं जो पलके उठाते हैं
और एक ही नज़र में सब कुछ कह जाते हैं
(3) लाखों में इन्तिख़ाब के
क़ाबिल बना दिया;
जिस दिल को तुमने देख लिया,
दिल बना दिया।
(4) तू ना हो तो हम खुद से ही उलझते हैं,
क्या करू हमे तेरी आदत सी हो गयी.
हम अपने वजूद में तुझे तलाश करते हैं,
हम इस कदर तुमसे मोहब्बत सी हो गयी.
(5) ज़िंदगी हमेशा पाने के लिए नही होती,
हर बात समझाने के लिए नही होती,
याद तो अक्सर आती है आप की,
लकिन हर याद जताने के लिए नही होती
(6) तू ना हो तो हम खुद से ही उलझते हैं,
क्या करू हमे तेरी आदत सी हो गयी.
हम अपने वजूद में तुझे तलाश करते हैं,
हम इस कदर तुमसे मोहब्बत सी हो गयी.
(7) ज़िंदगी हमेशा पाने के लिए नही होती,
हर बात समझाने के लिए नही होती,
याद तो अक्सर आती है आप की,
लकिन हर याद जताने के लिए नही होती
(8) दिल झुकाया हे तो सर भी झुकना होगा,
लग गयी आग तो मुझे ही भुजाना होगा,
दिल बेताब को सीने से लगाना होगा,
आज पर्दा हे तो कल साम ने भी आना हो गा
(9) दिल झुकाया हे तो सर भी झुकना होगा,
लग गयी आग तो मुझे ही भुजाना होगा,
दिल बेताब को सीने से लगाना होगा,
आज पर्दा हे तो कल साम ने भी आना होगा
(10) कितने तोहफे देती है
ये मोहब्बत भी यार;
दुःख अलग रुस्वाई अलग
जुदाई अलग तन्हाई अलग।
(11) तमन्ना हो मिलने की तो,
बाँध आँखों मे भी नज़र आएँगे,
महसूस करने की कोशीश तो कीजिए,
दूर होते हुए भी पास नज़र आएँगे.
(12) अभी इस तरफ ना निगाह कर
मैं गाज़ल की पलकें संवार लून
मेरा लफ्ज़-लफ्ज़ हो आईना
तुझे आईने में उतार लून
(13) यू ना अपनी निगाहो को झूकाओ तुम,
यू ना अपनी बालो को लहराओ तुम,
बस करो रहें इतना की,
मेरे प्यार को यू ना ठुकराव तुम.
(14) कोई अच्छा लगे तो उनसे प्यार मत करना;
उनके लिए अपनी नींदे बेकार मत करना;
दो दिन तो आएँगे खुशी से मिलने;
तीसरे दिन कहेंगे इंतज़ार मत करना!
(15) अहमियत आपकी क्या है, बता नही सकते,
रिश्तां क्या है, आपसे समज़ा नही सकते,
आप हमारे लिए इतने खास हो की,
अगर आप हो उदास तो हम मुस्कुरा नही सकते.
(16) सागर की लहरे को भी इंतेज़ार रहता है,
“पूनम” के “चाँद” को देखने का,
वैसे हमे भी इंतेज़ार रहता है,
आपका “चाँद” सा “चेहरा” देखने का.
(17) प्यार का एक मीठा एहेसस हो तुम,
हर पल एस दिल के पास हो तुम.
ज़िंदगी मे जीने की एक उम्मीद हो तुम,
इसी लिए तो हमारे लिए कुछ खास हो तुम.
(18) चाहत हे किसी चाहत को पाने की,
चाहत हे चाहत को आज्माने की.
वो चाहे हमे या ना चाहे पर चाहत हे,
उनकी चाहत में मिट जाने की.
(19) किसी के पैगाम को ज़रा प्यार से पढ़ा कीजिए ,
किसी की चाहत का एहसास किया कीजिए ,
कोई दिल से याद करता है आपको
कम से कम हिचकियाँ तो लिया कीजिए.
(20) तूफान मे लोगो को किनारे भी मिलते है,
जहा मे लोगो को सहारे भी मिलते है,
दुनिया मे सबसे प्यारी है ज़िंदगी,
कुछ लोग ज़िंदगी से प्यारे भी मिलते है.
(21) तेरी यादों के बिखरे टुकड़े चुनकर
गुज़रे लम्हो की तस्वीर बना लून
अपनी हर खुशी तेरे नाम लिख के
तेरे दुखों को अपनी तक़दीर बना लू !
(22) मोहब्बत की दुनिया यहा,
सनम हर कोई सजाता है,
मगर वोही पता है मंज़िल,
जो तक़दीर हसीन लेकर आता है !
(23) रेत पर नाम कभी लिखते नहीं;
रेत पर नाम कभी टिकते नहीं;
लोग कहते है कि हम पत्थर दिल हैं;
लेकिन पत्थरों पर लिखे नाम कभी मिटते नहीं!
(24) याद मीठी सी दिला कर चले गये,
दिल हमारा साथ उठाकर चल गये.
सब महफ़िल देखती हे रह गयी,
वो मस्त आँखो से पिलाकर चले गये.
(25) आसमान ही नही सारे सितारे भी हुमारे हैं
आप जो अकेले हो तो हम आपके सहारे हैं
जिस पल आप हमे याद करते हो
वो लम्हे सारे जहाँ से प्यारे हैं.
(26) बेवजह हम वजह ढूनडते है तेरे पास आने को,
ये दिल बेकरार है तुझे धड़कन में बसाने को,
बुझी नही है प्यास इन होतो की अभी,
ना जाने कब मिलेगा सुकून मेरे पयमानए को..
(27) ईश्क वाले आँखो से आँखो की बात समज लेते है,
सपने मे मिल जाए तो मुलाकात समज लेते है,
रोता तो आसमान भी है अपनी धरती के लिए,
और लोग उनके आसु को वर्षा समज़ लेते है.
(28) खींच लेती है मुझे उसकी मोहब्बत;
वरना मै बहुत बार मिला हूँ आखरी बार उससे!
(29) जख़्म के पहलू में सोकर
नग़मों को कागज पे लिखकर
अपनों के प्यार से दूर होकर
हम जीवन जीना सीख गए
(30) ना पूछ दिल की हक़ीक़त मगर ये कहता है;
वो बेक़रार रहे जिसने बेक़रार किया।
(31) तेरे प्यार का सिला हर हाल मे देंगे,
खुदा भी माँगे यह दिल तो ताल देंगे,
अगर दिल ने कहा तुम बेवफा हो,
तो इस दिल को भी सिने से निकाल देंगे.
(32) शायरी को ग़ज़ल बना कर फरमाएँगे,
और उनको मोहब्बत में बदल देंगे,
जन्नत क खवाब भी आप भूल जाएँगे,
जब इश्क़ को खुद एक इबादत बना देंगे
(33) इस दुनिया मे हर कोई बैगाने हे,
जिसको हम चाहते हे वो,
वही औरो के दीवाने हे.
बीते हुवे कल की यही कहानी है,
कुछ खुद बर्बाद हुवे तो कुछ उनकी मेहरबानी है.
(34) उगता हुआ सूरज दुआ दे आपको!
खिलता हुआ फूल खुशबू दे आपको!
हम तो कुछ देने के काबिल नहीं है!
देने वाला हज़ार खुशिया दे आपको!
(35) बहते अश्कों की ज़ुबान नहीं होती;
लफ़्ज़ों में मोहब्बत बयां नही होती;
मिले जो प्यार तो कदर करना;
किस्मत हर कीसी पर मेहरबां नहीं होती।
(36) इतना खूबसूरत चेहरा है तुम्हारा,
हर दिल दीवाना है तुम्हारा,
लोग कहते है चाँद का टुकड़ा हो तुम,
लेकिन हम कहते है चाँद तुकडा है तुम्हारा.
(37) यादों की कीमत वो क्या जाने
जो खुद यादों को मिटा दिया करते हैं.
यादों की कीमत तो उनसे पुछो
जो यादों के सहारे जिंदगी बिता दिया करते हैं.
(38) झुकी हुई निगाहो से आपका दीदार किया,
सब भूलके सिर्फ़ आपका इंतेज़ार किया,
आप कभी समाज नही पाए जज़्बात मेरे,
ज़िंदगी मे सबसे ज़्यादा आपसे इश्क़ किया.
(39) हर धड़कन में एक राज्र होता है
हर बात को बताने का एक अंदाज्र होता है
जब तक ठोकर न लगे बेवफाई की
हर किसी को अपने प्यार पे नाज्र होता है
(40) जज्बाते यार मे हम शरीक हो गये,
खुद से भी ज़्यादा उनके करीब हो गये,
आवारा थे गुमनाम गलियो के हम,
उनको पा कर के कुछ शरीफ हो गये…
(41) मैं अल्फाज़ हूँ तेरी हर बात समझता हूँ;
मैं एहसास हूँ तेरे जज़्बात समझता हूँ;
कब पूछा मैंने कि क्यूँ दूर हो मुझसे;
मैं दिल रखता हूँ तेरे हालात समझता हूँ।
(42) मुझको फिर वही सुहाना नज़ारा मिल गया,
नज़रों को जो दीदार तुम्हारा मिल गया,
और किसी चीज़ की तमन्ना क्यूँ करू,
जब मुझे तेरी बाहों में सहारा मिल गया.
(43) है दिल कुछ इस तरह हमारा है,
याद तुम्हे दिन मे बार-बार करते है,
मिलना तो चहते है हर रोज़ तुम्हे,
लेकिन मिलने के बाद की जुदाई से डरते है .
(44) तुम हमसे दूर हो, हमारी यादो से नही,
तुम आँखो से दूर हो, ख्वाबो से नही,
तुम दिल से दूर हो, दिल की धड़कनो से नही,
तुम हमसे दूर हो मगर हमारी ज़िंदगी से नही.
(45) एक बार अपने करीब आने दे,
एक बार साँसों को थम जाने दे,
तोड़ दे यह सारे बंधन ,
एक बार दुनिया को भूल जाने दे.
(46) हमारा दिल बहुत आरमानो से भरा है,
पूरे होंगे की नही, ये पता नही है,
एस दुनिया मे हर चीज़ कितनी प्यारी लगती है,
जबसे आप हमारी ज़िंदगी मे आई है.
(47) फिर वही फसाना अफ़साना सुनाती हो
दिल के पास हूँ कह कर दिल जलती हो
बेक़रार है आतिश ए नज़र से मिलने को
तो फिर क्यों नही प्यार जताती हो…
(48) फिजा में महकती एक शाम हो तुम!
प्यार में छलकता जाम हो तुम!
सीने में छुपाये फिरते है हम याद तुम्हारी!
मेरी ज़िन्दगी का दूसरा नाम हो तुम!
(49) दिल का क्या कसूर होता ही,
कसूर तो आँखो का होता है
प्यार आँखो से होता है,
और दर्द दिल को होता है.
(50) तुम मुझे मौका तो दो ऐतबार बनाने का;
थक जाओगे मेरी वफाओं के साथ चलते चलते!
(51) दुख मे खुशी की वजह बनती है मोहब्बत;
दर्द मे यादों की वजह बनती है मोहब्बत;
जब कुछ भी अच्छा नहीं लगता दुनिया में;
तब जीने की वजह बनती है मोहब्बत।
(52) कोई कहता है प्यार नशा बन जाता है!
कोई कहता है प्यार सज़ा बन जाता है!
पर प्यार करो अगर सच्चे दिल से,
तो वो प्यार ही जीने की वजह बन जाता है
(53) सज़ा है मौसम तुम्हारी महक से आज फिर आए दोस्त,
लगता है हवायें तुम्हे छु कर आई है.
(54) उजाले अपनी यादों के हमेशा ज़िंदगी के साथ रहने दो
ना जाने ज़िंदगी के किस मोड़ पर
मोहब्बत की हसीन शाम हो जाए...
(55) पास आओ दिल की बात बताउ तुम को,
इस धड़कते दिल की आवाज़ सुनाऊ तुम को,
ज़रा पास आकर तो देखो दिल पे नाम हे तुम्हारा,
अगर तुम कहो तो दिल चिर कर देखाऊ तुम को.
(56) मोहब्बत को कभी अल्फ़ाज़ मे लाई नही जाती,
ये वो नाज़ुक हकीक़त हे जो संजाई नही जाती.
(57) प्यासे को एक कतरा पानी काफी है ,
इश्क़ में चार पल की जिंदगी काफी है
डूबने को समंदर में जायें कहाँ ,
आपकी आंख से टपका हुआ पानी काफी है!!
(58) रोम-रोम मे हमारे वो बसे है,
नज़रे हमारी और चहरा उनका है,
हर साँस मे हमारी वो बसे है,
धड़कने हमारी और दिल उनका है.
(59) अगर जो होती नफ़रत तुमसे तो,
हम तुमसे मिलने यू आए ना होते.
थोड़ी तो बची है मोहब्बत आपके लिए इस दिल मे,
वरना हम आपके दिल मे यू वापिस आए ना होते.
(60) तुझे भूलकर भी न भूल पायेगें हम!
बस यही एक वादा निभा पायेगें हम!
मिटा देंगे खुद को भी जहाँ से लेकिन!
तेरा नाम दिल से न मिटा पायेगें हम!
(61) तुम्हारे पास नहीं तो फिर किस के पास है?
वो टुटा हुआ दिल, आखिर गया कहाँ!
(62) हमारी निगाहो मे ना देखो निंद चुरा लुंगा,
ना दिल के इतने नझदीक आओ मोहब्बात सिखा दूगा,
आपसे बहोत गेहरा रिश्ता हे,
सपनो मे भी आए तो आपणा बना लुंगा.
(62) हम ने जब कभी भी खुशी महसूस की,
हर कदम पे आप की कमी महसूस की.
दूर रह कर भी आप की चाहत कम ना हुई,
यह बात हम ने दिल से महसूस की.
(63) ज़िंदगी मे मोहब्बत उनसे ना मिले,
जिनसे आप सच्चा प्यार करते हो तो,
मोहब्बत आप उनको ज़रूर देना,
जो आप से सच्चा प्यार करते हे.
(64) इस्क़ ने मेरे दिल को इतना नाज़ुक कर दिया की,
चोट तूझे लगती है तो दर्द मूझे होता है.
दीवाना क्या बताए इस दर्द से कैसा रिश्ता है.
आँख तेरी रोती है तो आंसु मेरे निकलते है.
(65) अपने होठों पर सज़ा कर तुझे मैं
तेरे ही गीत गाना चाहता हूँ
जल कर बुझ जाना हुमारी किस्मत सही
बस एक बार रोशन होना चाहता हूँ.
(66) बोलता है दोस्त, चुप रहता है प्यार
हँसती है दोस्ती, रुलाता है प्यार
मिलती है दोस्ती, जुदा करता है प्यार
फिर भी क्यो लोग करते है ज़िंदगी मे प्यार .
(67) हमे नही पता क्यू आपकी याद आती हे,
लबो पर आपकी ही बात आती हे,
बैठे थे जब भी दो पल अकेले मे हम,
याद बस वो पहेली मुलाकात आती हे.
(68) हल पाल की खुशी आपकी याद में है
हूमारी हार दुआ आपके सात में है
डोर रेह कर भी आपको याद करते हैं
झरूर कोई पयरी सी अदा आप में है
(69) जान कर अनजान बनना अच्छा लगता है,
मुझे उनको अपने लिए परेशान करना अच्छा लगता है,
मुझे वो करते रहे प्यार का इक़रार,
बार-बार नादान बन कर हर बार सुनना अच्छा लगता है.
(70) हर आहट पे आपकी तलाश है ,
दूर रह कर भी आप मेरे पास है,
इतना ना चाहो मुझे की दिल पूछे की धड़कन किस के पास है..
(71) ये डूबने वाले का ही होता हे कोई फन;
आँखों में किसी के भी समंदर नहीं होता!
(72) मेरा सावन तुम हो मेरी प्यास भी तुम हो
सेहरा की बाहों में छुपी आस तुम हो
तुम यू तो बहुत डोर हो मुझसे
एहसास ये होता है मेरे दिल के पास तुम हो...
(73) तुमसे मिलना किस काम का अगर दिल ना मिले,
वो सफ़र ही क्या जिसमे मंज़िल ना मिले,
बहते समुंदर मे डूब जाना ही अच्छा क्योकि,
इतने करीब होने के बाद भी किनारा ना मिले.
(74) बहती हवाओं से आवाज़ आएगी
हर धड़कन से फरियाद आएगी
भर देंगे आपके दिल मे प्यार इतना की
साँस भी लोगे तो सिर्फ़ मेरी याद आएगी .
(75) कसूर ना उनका था ना हमारा;
हम दोनों ही रिश्तों की रसम निभाते रहे;
वो दोस्ती का एहसास जताते रहे;
और हम मोहब्बत को दिल में छुपाते रहे।
(76) जिसने हमे चहा,उसे चाह ना सके,
जिसे चाहते तथ्य थे, उसे पा ना सके,
ये समझो दिल टूटने का खेल था,
किसी का दिल तोड़ा पर अपना भी बचा ना सके..
(77) ऐसे ही नही हर पल किसी का इंतेज़ार होता है,
यूँ ही हर दिन ये दिल बेकरार होता है,
हमको काश कोई समज पाता की,
खामोश रहने वालों को भी किसी से मोहब्बत होती है.
(78) तुझे पाने का ख़्याल हम नही करते ,
की तुझे खोने को दिल नही करता.
तुम मिलते है तो हम नज़र नही मिलते,
के फिर नज़रे हटाने को दिल नही करता.
(79) ख्वाब तो हे आँखो मे मगर नींदे कही और हे,
दिल तो हे हमारे पास मगर धड़कन कही और हे,
कैसे कह दू मेरा हाल ए दिल की दास्तान,
जी तो रहे हे मगर ज़िंदगी कही और हे.
(80) माना की तुम जीते हो ज़माने के लिये!
एक बार जी के तो देखो हमारे लिये!
दिल की क्या औकात आपके सामने!
हम तो जान भी दे देंगे आपको पाने के लिये!
(81) मोहब्बत ने हमे बेनाम कर दिया,
हर खुशी ने हमे अनजान कर दिया,
हमने कभी नही कहा के हमसे भी प्यार करो,
लकिन आप की एक नज़र ने हमे नीलाम कर दिया.
(82) हसीन पलों को याद कर रहे थे
सितारो से आपकी बात कर रहे थे
दिल को बड़ा सकूँ मिला ये जान कर की
आप भी मुझे याद कर रहे थे.
(83) आँखो की गहराई को समज़ नही सकते,
होंटो से कुछ कह नही सकते.
कैसे बया करे हम आपको यह दिल का हाल की,
तुम्ही हो जिसके बागेर हम रह नही सकते.
(84) जिसे तुम इश्क करो वो मोहब्बत
जो तुम्हे इश्क करे उस का क्या..?
जिसके लिए तुम रोए वो मोहब्बत
जो तुम्हारे लिए रोए उसका क्या..?
(85) सुबह शाम उन्होने हमे सीने से लगाया होता
सोते वक़्त भी हमे तकिये के पास सजाया होता
ए-खुदा तेरा बड़ा करम होता अगर तूने हमे उनका
दुपट्टा बनाया होता !!
(86) कितने चेहरे हैं इस दुनिया में; मगर हमको एक चेहरा ही नाज़ार आता है; दुनिया को हम क्या देखें; उसकी यादों में सारा वक़्त गुजर जाता है.
(87) हर तमन्ना का राज़दार खुदा होता है
हर बात का अंदाज़ जुड़ा होता है
चाँद को तो चाहने वेल हैं सभी
पेर चाँद किस पेर फिदा होता है?
(88) दिल मे ख्वाहिश तो थी,
प्यार की मंज़िल मिले,
या तो फरहद, या महिवाल,
का नाम मिले!
(89) जब तक तुम्हें न देखूं!
दिल को करार नहीं आता!
अगर किसी गैर के साथ देखूं!
तो फिर सहा नहीं जाता!
(90) ना चाहो किसी को ऐसे कि;
चाहत आपकी मज़बूरी बन जाए;
पर चाहो किसी को इतना कि;
आपका प्यार उसके लिए जरुरी बन जाए।
(91) तेरी मौजूदगी अब हर जगह मालूम होती है.
मुझे हर साम जीवन की सुभाइ मालूम होती है.
जब से देखा है तुझको मैने अपने दिल की नज़ारो से.
मुझे टोवा आब हर शक्ल अब तेरी तरह मालूम होती है …
(92) न कोई इलज़ाम न कोई तंज़, न कोई रुसवाई मीर;
दिन बहुत हो गए यारों ने कोई इनायत नहीं की!
(93) आपके बगैर हम जीना भूल जाते हे,
हमारे दिल के दर्द को सीना भूल जाते हे,
आप मेरी ज़िंदगी मे बहोत प्यारे हो,
ये बात हम आपसे कहेना भूल जाते हे.
(94) इस ज़िंदगी मे आप पास रहो या दूर,
हमारी दिल से दिल की आवाज़ मिला सकते है,
ना खत के ना फोन के मोहताज़ है हम,
पर आपके दिल को एक हिचकी से हिला सकते है हम.
(95) हमारे नसीब मे हम मोहब्बत माँगना भूल गये,
दिल तो माँगा लेकिन दिलबर माँगना भूल गये.
हमने तो उनको आपना दिल दे दिया,
लेकिन बदले मे उनका दिल माँगना भूल गये.
(96) मे निभा सकु दोस्ती उनसे उमर भर,
खुदा बस यह एक एहसान मुझ पर कर दे.
वो ना रह सके मेरे बिना एक पल भी,
ऐसी उनको भी एक आदत सी कर दे.
(97) प्यार कहते हें ऐसे जज़्बे को
दर्द मे डूब कर सम्भलने को
किसी यादों मे बेक़र हो के
रात बार करवटें बदलने को,
उन के चेहरे की एक हसीन के लिये
जानो दिल उन पे निसार करने को.
(98) हथेली पर जिसे लिखती मिटती हो
वो नाम मेरा ही तो है
मेहन्दी जिसके नाम की रचाई है तूने,
वो नाम मेरा ही तो है.
(99) हमारी कहानी सुन साकी की भी आँखों मैं आँसू आ जाते हैं,
सारे महखाने की शराब पीकर भी हम नशे मैं नही आते हैं,
क्या करें साकी आब तो इतनी ज़्यादा पीने लगे हैं,
के हम महखाने मैं भी दरवाजे से लौटा दिए जाते हैं.
(100) वो कहेते हे मजबूर हे हम,
ना चाहते हुवे भी दुर हे हम,
चुरा ली उन्हो ने हमारी दिल की धड़कन,
फिर भी कहेते हे के बेकसूर हे हम.
(101) काश भगवान मुझसे छोड देते किताब बना कर…
वो रात भर हमे पढ़ते…
और फिर सो जाते सीने से लगा कर...
(102) किसी के दिल में बसना कुछ बुरा तो नही;
किसी को दिल में बसाना कोई खता तो नही;
गुनाह हो यह ज़माने की नजर में तो क्या;
यह ज़माने वाले कोई खुदा तो नही!
(103) कुछ ऐसा हुआ, वो मुझको मिली मे उसको मिला,
इज़हार हुआ इकरार हुआ, वो दोस्त बनी,मे यार हुआ.
उसे मुझसे इश्क़ हुआ ,मूझे उसे प्यार हुआ...
(104) निगाहे उनको देखे तो आँखो का क्या कसूर हे,
हर पल खुश्बू उनकी आए तो सांसो का क्या कसूर हे,
रात को सपने हमारी मर्ज़ी से नही आते,
अगर सपने उनके आए तो सपनो का क्या कसूर हे.
(105) कितने साल से एक बात तुमसे कहनी थी,
जो ना कभी हमने तुमसे कही है,
वो आज यह मेरा दिल कहना चहता है की,
आप जैसा प्यारा यह ज़िंदगी मे ना कोई है.
(106) मेरे आशिक तुझे जख़्म दे रही हूँ मैं
बेवफाई का रस्म निभा रही हूँ
आशिक को आँसू का सामां देकर
लो मेरे वालिद, तेरे कदमों में
हमने अपनी रूह गिरवी रख दी
(107) जब रात को चाँद से हमारी मुलाकात होती हे,
तब आपके हे बारे मे बात होती हे,
चाँद काहेते हे के उनसे पास सनडर सितारे हे,
हम ने कहा की उससे भी सनडर सनम हमारे हे.
(108) आसमान हमसे नाराज़ है,
तारो का गुस्सा भी बेहिसाब है.
वो सब हमसे जलते है, क्यूकी,
चाँद से भी बेहतर आप हमारे पास है.
(109) मेरे ज़ज़्बात मेरी पहचान हे वो
मेरी जूसबुजू मेरी शान हे वो
लोग कहते हे भूलादू उसे
पर केसे भूलादू यारो
इस सीने मे धड़कती जान हे वो…
(110) कभी लफ्ज़ भूल जाऊं, कभी बात भूल जाऊं;
तूझे इस क़द्र चाहूँ के अपनी ज़ात भूल जाऊं;
उठ के तेरे पास से जो में चल दूँ;
जाते हुए खुद को तेरे पास भूल जाऊं!
(111) प्यार मे तेरे हम कुछ इस कदर खो गये है,
जमाने से बेख़बर हम तेरे दिल मे बस गये है,
मत निकलना अब हमे आपने दिल से,
हम हमेंशा के लिए अब तुम्हारे हो गये है...
(113) ज़िंदगी तुझ बिन उलफत सी लगती है,
एक पल की जुदाई मुद्दत सी लगती है,
पहले नही पर अब सोचते है हम,
हर लम्हा तेरी ज़रूरत सी लगती है.
(114) मेरे ख्वाबों मे वो तीर चलकर चली गयी,
मैं सोया था वो जगाकर चली गयी,
मैने पूछा चाँद निकलता है कैसे,
तो चेहरे से ज़ूल्फेन हटा कर चली गयी.
(115) कब उनकी पलको से इज़हार होगा,
कब उनके दिल मे हमारे लिए प्यार होगा.
गुज़रता है हर पल उनकी ही याद मे
कब उनको भी हमारा इंतेज़ार होगा.
(116) एक शमा अंधेरे में जलाए रखना
सुबह होने को है माहौल बनाए रखना
कौन जाने वो किस गली से गुज़रें
हर गली को फूलों से सजाए रखना
(117) सिर्फ़ एक बार मूझे प्यारी स्माइल तू दे दे,
सपनो मे हे सही एक नज़र तो देदे,
सिर्फ़ एक बार मिलने का वादा तू करले,
फिर ज़िंदगी भर का चाहे इंतजार दे दे.
(118) गीले काग़ज़ की तरह है ज़िंदगी मेरी,
कोई जलता भी नही और कोई बहता भी नही.
ऐसे अकेले हो गये है हम आज-कल,
कोई सताता भी नही,और कोई मानता भी नही...
(119) आंखे तो प्यार में दिल की जुबाँ होती है,
चाहात तो सदा बेजुबँ होती है,
प्यार में दर्द भी मिले तो क्या घाबरणा,
सुना है दर्द से चाहात ऑर जावं होती है…
(120) महोब्बत और नफरत सब मिल चुके हैं मुझे;
मैं अब तकरीबन मुकम्मल हो चोका हूँ!
(121) तेरी हर बात मोहब्बत में गवारा करके;
दिल के बाज़ार में बैठे है खसारा करके;
मुन्तजिर हूँ के सितारों की जरा आँख लगे;
चाँद को छत पर बुला लूँगा इशारा करके;
आसमानों की तरफ फैंक दिया है मैने;
चंद मिटटी के चरागों को सितारा करके;
मैं वो दरिया हूँ कि हर बूंद भंवर है जिसकी;
तुमने अच्छा ही किया मुझसे किनारा करके।
(122) ए सावन तू क्यों इतनी बेरूख़ी कर रहा है
ना वो चमचमाति बारिश
ना कोई खुशी दे रहा है
क्या तेरी बदली तुझसे खफा हो गयी
या तू कही और दिल्लगी कर रहा है
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