अकबर बीरबल के चुटकुले, (top 20 Akbar Birbal jokes) & Akbar Birbal puzzle & Story...
Latest Akbar Birbal jokes in Hindi
हम आपके लिए कुछ ऐसे मजेदार चुटकुले लेकर आए हैं, जिन्हें पढ़ने के बाद आप हंसते-हंसते लोटपोट हो जाएंगे। तो चलिए शुरू करते हैं हंसने-हंसाने का ये सिलसिला...
(1) सार्वजनिक शौचालय में बैठे अकबर को साथ वाले टॉयलेट से आवाज आयी - क्या हाल हैं अकबर ?
अकबर घबराया ..पर फिर बोला - ठीक हूं।
आवाज आयी - क्या कर रहे हो ?
ये बोला - तुम्हारी तरह बैठा हुआ हूं।
आवाज आयी - मैं आ जाऊं अभी तुम्हारे पास?
अकबर बहुत घबराया सा बोला - नहीं ।
आवाज आयी - यार मैं तुमको बाद में कॉल करता हूं... पता नहीं कौन बदतमीज दूसरे टॉयलेट से मेरी हर बात का जवाब दे रहा है।
(2) एक बार बादशाह अकबर अपने दो बेटों के साथ नदी के किनारे गए। साथ में बीरबल भी थे। दोनों बेटों ने अपने कपडे़ उतारे और नदी में नहाने उतर गए। बीरबल को उन्होंने अपने कपड़ों की रखवाली करने के लिए कहा।
बीरबल नदी किनारे बैठ कर उन दोनों के आने का इंतजार करने लगे। कपडे़ उन्होंने अपने कंधों पर रखे हुए थे। बीरबल को इस अवस्था में खडे़ देख बादशाह अकबर के मन में शरारत सूझी।
उन्होंने बीरबल को कहा, "बीरबल तुम्हें देख कर ऐसा लग रह है जैसे धोबी का गधा कपडे़ लाद कर खडा़ हो।"
बीरबल ने झट से जवाब दिया, "महाराज धोबी के गधे के पास केवल एक गधे का ही बोझ होता है, किंतु मेरे पास तो तीन-तीन गधों का बोझ है।
बीरबल के मुंह से जवाब सुनकर बादशाह अकबर निरूत्तर हो गए।
(3) एक दिन बादशाह अकबर ने कागज पर पैन्सिल से एक लंबी लकीर खींची और बीरबल को बुला कर कहा: बीरबल कुछ ऐसा करो कि न तो यह लकीर घटाई जाए और न ही मिटाई जाए लेकिन छोटी हो जाए?
बीरबल ने फौरन उस लकीर के नीचे एक दूसरी लकीर पहली से बड़ी खींच दी.
बीरबल बोले: अब आप की लकीर इससे छोटी हो गई.
(4) एक शाम को बीरबल और बादशाह अकबर घूमने के लिए निकले. चलते चलते रास्ते में एक बड़ा बरगद का वृक्ष दिखाई दिया . उसे देख कर बीरबल ने कहा - देखिये जहाँपनाह ! कैसा अच्छा वर है ! बादशाह को शरारत सूझी , उन्होंने तुरंत कहा , बेटी दे दो . तो बीरबल यह सुनते ही मारे लज्जा के जमीन में गड़ गए .आगे चलकर एक बड़ा सुन्दर मकबरा दिखाई दिया , उसे देखते ही बरबस बादशाह के मुँह से निकला - देखो बीरबल ! यह कितना सुन्दर है .
तुरंत बीरबल ने जबाब दिया , सुन्दर है तो पोती दिला दीजिये .
बेचारे बादशाह अकबर समुचित जबाब न पाकर कुछ न कह सके .
(5) एक बार संता को अकबर के सैनिकों ने पकड़ लिया और दरबार में लेके गये..
अकबर- कौन हो तुम??
संता- महाराज मैं सांता हूँ..
अकबर- इतनी रात को हमारे महल में क्या कर रहे थे??
संता- कुछ..कुछ नहीं महाराज(घबराते हुए)
अकबर- सैनिकों, इसे ले जाओ और बंदी बना दो..
संता- महाराज रहम करो, मुझे बंदी मत बनाओ मुझे बंदा ही रहने दो..
(6) अकबर बादशाह और बीरबल मे अकसर मज़ाक होता रहता था । उस दिन वे दोनो एक दुसरे से छेड-छाड कर रहे थे ।
बाद्शाह ने कहा- बीरबल तुम्हारी स्त्री अत्यन्त सुन्दर है । बीरबल ने कहा - हां सरकार! पहले मै भी ऐसा ही समझता था। पर जब से बेगम साहिबा को देखा है, मै अपनी स्त्री को ही भूल बैठा हूँ ।
बाद्शाह एकाएक झेंप गए और उस दिन के बाद से फिर उन्होने ऐसा मज़ाक नही किया ।
(7) बादशाह अकबर और बीरबल बातें कर रहे थे। बात मियां-बीवी के रिश्ते पर चल निकली तो बीरबल ने कहा—‘‘अधिकतर मर्द जोरू के गुलाम होते हैं और अपनी बीवी से डरते हैं।’’
‘‘मैं नहीं मानता।’’ बादशाह ने कहा।
‘‘हुजूर, मैं सिद्ध कर सकता हूं।’’ बीरबल ने कहा।
‘‘सिद्ध करो ?’’
‘‘ठीक है, आप आज ही से आदेश जारी करें कि किसी के भी अपने बीवी से डरने की बात साबित हो जाती है तो उसे एक मुर्गा दरबार में बीरबल के पास में जमा करना होगा।’’
बादशाह ने आदेश जारी कर दिया।
कुछ ही दिनों में बीरबल के पास ढेरों मुर्गे जमा हो गए, तब उसने बादशाह से कहा—‘‘हुजूर, अब तो इतने मुर्गे जमा हो गए हैं कि आप मुर्गीखाना खोल सकते हैं। अतः अपना आदेश वापस ले लें।’’
(8) एक रात सोते समय बादशाह अकबर ने यह अजीब सपना देखा कि केवल एक छोड़कर उनके बाकी सभी दांत गिर गए हैं।
फिर अगले दिन उन्होंने देश भर के विख्यात ज्योतिषियों व नुजूमियों को बुला भेजा और और उन्हें अपने सपने के बारे में बताकर उसका मतलब जानना चाहा।
सभी ने आपस में विचार-विमर्श किया और एक मत होकर बादशाह से कहा, ‘‘जहांपनाह, इसका अर्थ यह है कि आपके सारे नाते-रिश्तेदार आपसे पहले ही मर जाएंगे।’’
यह सुनकर अकबर को बेहद क्रोध हो आया और उन्होंने सभी ज्योतिषियों को दरबार से चले जाने को कहा। उनके जाने के बाद बादशाह ने बीरबल से अपने सपने का मतलब बताने को कहा।
कुछ देर तक तो बीरबल सोच में डूबा रहा, फिर बोला, ‘‘हुजूर, आपके सपने का मतलब तो बहुत ही शुभ है। इसका अर्थ है कि अपने नाते-रिश्तेदारों के बीच आप ही सबसे अधिक समय तक जीवित रहेंगे।’’
बीरबल की बात सुनकर बादशाह बेहद प्रसन्न हुए। बीरबल ने भी वही कहा था जो ज्योतिषियों ने, लेकिन कहने में अंतर था। बादशाह ने बीरबल को ईनाम देकर विदा किया।
(9) एक दिन बीरबल बाग में टहलते हुए सुबह की ताजा हवा का आनंद ले रहा था कि अचानक एक आदमी उसके पास आकर बोला, ‘‘क्या तुम मुझे बता सकते हो कि बीरबल कहां मिलेगा ?’’
‘‘बाग में।’’ बीरबल बोला।
वह आदमी थोड़ा सकपकाया लेकिन फिर संभलकर बोला, ‘‘वह कहां रहता है ?’’
‘‘अपने घर में।’’ बीरबल ने उत्तर दिया।
हैरान-परेशान आदमी ने फिर पूछा, ‘‘तुम मुझे उसका पूरा पता ठिकाना क्यों नहीं बता देते ?’’
‘‘क्योंकि तुमने पूछा ही नहीं।’’ बीरबल ने ऊंचे स्वर में कहा।
‘‘क्या तुम नहीं जानते कि मैं क्या पूछना चाहता हूं ?’’ उस आदमी ने फिर सवाल किया।
‘‘नहीं।’ बीरबल का जवाब था।
वह आदमी कुछ देर के लिए चुप हो गया, बीरबल का टहलना जारी था। उस आदमी ने सोचा कि मुझे इससे यह पूछना चाहिए कि क्या तुम बीरबल को जानते हो ? वह फिर बीरबल के पास जा पहुंचा, बोला, ‘‘बस, मुझे केवल इतना बता दो कि क्या तुम बीरबल को जानते हो ?’’
(10) एक दिन अकबर अपने मत्रीं बीरबल के साथ अपने महल के बाग में घूम रहे थे | अकबर बागों में उडते कौओं को देखकर कुछ सोचने लगे और बीरबल से पूछा, “क्योंबीरबल, हमारे राज्य में कितने कौए होंगे”?
बीरबल ने कुछ देर अंगुलियों पर कुछ हिसाब लगाया और बोले,”हुज़ूर, हमारेराज्य में कुल मिलाकर 95, 463 कौए हैं”| तुम इतना विश्वास से कैसे कह सकतेहो? हुज़ूर, “आप खुद गिन लिजीये, बीरबल बोले”| अकबर को कुछ इसी प्रकार केजवाब का अंदेशा था| उन्होंने ने पूछा,”बीरबल, यदि इससे कम हुए तो”? तो इसकामतलब है कि कुछ कौए अपने रिश्तेदारों से मिलने दूसरे राज्यों में गये हैं| और यदि ज्यादा हुए तो? तो इसका मतलब यह हैं हु़जूर कि कुछ कौए अपनेरिश्तेदारों से मिलने हमारे राज्य में आये हैं बीरबल ने मुस्कुरा कर जवाब दिया|
अकबर एक बार फिर मुस्कुरा कर रह गये|
(11) अकबर बादशाह को मजाक करने की आदत थी। एक दिन उन्होंने नगर के सेठों से कहा-‘‘आज से तुम लोगों को पहरेदारी करनी पड़ेगी।’’
सुनकर सेठ घबरा गए और बीरबल के पास पहुँचकर अपनी फरियाद रखी।
बीरबल ने उन्हें हिम्मत बँधायी-‘‘तुम सब अपनी पगड़ियों को पैर में और पायजामों को सिर पर लपेटकर रात्रि के समय में नगर में चिल्ला-चिल्लाकर कहते फिरो, अब तो आन पड़ी है।’’
उधर बादशाह भी भेष बदलकर नगर में गश्त लगाने निकले। सेठों का यह निराला स्वांग देखकर बादशाह पहले तो हँसे, फिर बोले-‘‘यह सब क्या है ?’’
सेठों के मुखिया ने कहा-‘‘जहाँपनाह, हम सेठ जन्म से गुड़ और तेल बेचने का काम सीखकर आए हैं, भला पहरेदीर क्या कर पाएँगे, अगर इतना ही जानते होते तो लोग हमें बनिया कहकर क्यों पुकारते ?’’
(12) Badshah akbar Birbal se bole:
tumhari biwi bahut sundar hai
Birbal ne kaha:
haan sarkar,
main bhi pehle aisa hi samajhta tha,
par jabse begum sahiba ko dekha hai
apni biwi ko bhul gaya hoon
iske baad badshah Akbar ne birbal ki
biwi ke bare me kabhi mazak nahi kiya
(13) Ek din badshah Akbar Birbal se bole:
Jin logo ke naam ke ant me
'ban' shabd juda hota hai
wo bade jhagdalu hote hain
jaise gadiban, darban
Birbal bole:
Haan mehar'ban'.
aur badshah ko apni bhul malum padi
(14) Birbal ko tambaku khane ki aadat thi
par badshah Akbar tambaku nahi khate the
ek din Akbar ne ek gadhe ko
tambaku ke khet me dekh liya
gadha tambaku ki bajay ghas kha raha tha
Akbar bole: dekho tambaku kitni buri cheez hai
isko gadhe tak nahi khate
Birbal bole Ji huzur bilkul sahi keh rahe hain
Tambaku bas gadhe hi nahi khate
Akbar badshah khisiyakar chup ho gaye
(15) Akbar aur Birbal dono bahut mazakiya the
Ek bar Akbar ne Birbal ke jute gayab karwa diye
Birbal apne jute dhoondhne lage
par unko jute nahi mile
Akbar ne sewak se kaha:
Birbal ko naye jute de do
Birbal ne Jute pahankar
Badshah ko dua di:
Bhagwan aapko is lok
aur parlok me aise hazaro jute de
Badshah Akbar hans pade
(16) एक दिन बादशाह ने दरबार में प्रश्न रखा कि २७ में से नौ गए तो क्या बचा ? कुछ लोगों नें तो साधारण प्रश्न समझ कर जबाब दिया कि अठारह . कुछ लोग इसे कोई गूढ़ प्रश्न समझ कर चुप ही रहे . इसी तरह जो आता उसी से यह प्रश्न पूछा जाता . अंत में बीरबल आये तो उनसे भी पूछा गया कि २७ में से नौ गए तो क्या शेष रहा ? उन्होंने तुरंत जबाब दिया खाक .
उनका अजीब सा जबाब सुनकर सबको बड़ा आश्चर्य हुआ . बादशाह ने पूछा - कैसे ? बीरबल ने जबाब दिया - बर्ष में २७ नक्षत्र होते है. जिनमे से नौ नक्षत्र बर्षा के होते है . यदि वे न हों तो अन्न और धान्य के स्थान पर ख़ाक ही तो शेष रह जाएगा . उनका यह गूढ़ जबाब सभी ने स्वीकार किया .
(17) एक दिन बादशाह अकबर ने बीरबल से कहा - हूर ,परी और चुड़ैल लाओ . दूसरे दिन बीरबल ने एक वेश्या और अपनी स्त्री को लेकर जब दरबार में पहुंचे तो कहा - हुजूर ! अपनी बेगम साहिबा को और बुलवा लीजिये . बादशाह की आज्ञा से बेगम साहिबा भी आ गयी ,तब बीरबल ने इस प्रकार जबाब दिया . उसने कहा - हुजूर ! यही वेश्या हूर है यानी जन्नत में मिलने वाली सुंदरी ,दूसरी मेरी स्त्री है जो यह सर्व सुंदरी है और सब स्त्री सुलभ गुणों से पूर्ण है , न कभी गहनों के लिए झगडती है और न किसी बात के लिए मचलती है इसीलिए यह परी है . तीसरी बेगम साहिबा है . आप खुद ही जानते है ,इनकी इच्छा पूरी करना आपका दिन का खाना और रात की नींद को हराम कर देता है . बेगम साहिबा मन मसोस कर रह गयी . बादशाह बड़े शर्मिंदा हुए .
(18) अकबर ने बीरबल को कुछ ऐसा लिखने को कहा
जिसे खुशी में पढ़ो तो गम हो,
और अगर गम में पढ़ो तो खुशी उसने लिखा......
"ये वक्त गुजार जायेगा".......
(19) Akbar Ne Apni Begum Ko Surprise Dene Ki Sochi,
Or Ussne Apne Niche Ke Baal Katwa Diye,
Akbar Raat Ko Chupke Se So Gaya
Nind Mein Begum Ne Jab Hath Fera Toh Boli
Arrey Birbal Tum Kab Aaye
(20) Akbar : Hamare ammi abba humse itni mohabt karte thhe, ke hame sulane k lie sari sari raat jagte rehte, or hum fir b na sote the.
Birbal : Tbhi to aap eklote reh gaye huzoor.
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