आखिर ज्यादा हिचकियां क्यों आती हैं, (Why do you have so many Hiccups)

 Why do you have so many Hiccups?,   आखिर ज्यादा हिचकियां क्यों आती हैं ?


 हिचकियां (Hiccups) आना एक आम बात है। पर जब ज्यादा हिचकी आती जाएँ और रुकने का नाम ना लें तो हम परेशान हो जाते हैं और चाहते हैं हिचकी जल्दी से बंद हो जाएँ। पर क्या आप जानते हैं की हिचकी आखिर आती क्यों हैं। तो जानते हैं ज्यादा हिचकी आने के कारण और निवारण।

आखिर ज्यादा हिचकियां क्यों आती हैं ?

आमतौर पर हिचकी आने पर आपने कई लोगों के मुँह से सुना होगा कि कोई आपको याद कर रहा है। अक्सर बड़े बूढ़े और गावं के लोगों की ऐसे मान्यता होती है। इस तरह जब ज्यादा हिचकियां आती हैं तो कह दिया जाता है की आपको कई लोग याद कर रहे हैं। और इसे बंद करने के लिए आप उस व्यक्ति का नाम लें जो आपको याद कर रहा है। यदि अपने सही नाम ले लिया तो आपकी हिचकी बंद हो जाएगी।

यह तो रही हिचकी आने की आम धारणाएं जो पुराने लोग मानते आ रहें हैं और लोग इस पर अभी भी विश्वास करते हैं। आइये अब जानते हैं हिचकी आने के वैज्ञानिक कारण को –


ज्यादा हिचकी आने का वैज्ञानिक कारण :-

Scientific reason for excessive hiccups

हिचकी आने का वैज्ञानिक कारण डायाफ्राम का सुकुड़ना हैं। डायाफ्राम हमारे शरीर का वह भाग होता है जो पेट से छाती को अलग करता है और जब हम श्वास लेते और छोड़ते हैं तब यह मुख्य भूमिका निभाता है। जब फेफड़ों में हवा भर जाती है तब डायफ़्राम सुकुड़ जाता है।

जब हम जोर जोर से हँसते हैं तब भी डायफ़्राम सुकुड़ सकता है और हमारी हिचकी शुरू हो सकती है। आमतौर पर तेज़ मसाले वाला खाना खाने, कुछ गर्म खाकर तुरंत बाद बहुत ठंडा खा या पी लेने, जल्दी-जल्दी खाना खाने या फिर पेट फूल जाने के कारण डायफ़्राम को नियंत्रित करने वाली नाड़ियों में कुछ उत्तेजना होती है जिसकी वजह से डायफ़्राम बार बार सिकुड़ता है और हमारे फेफड़े तेज़ी से हवा अंदर खींचते हैं, और यह हवा एकत्रित हो जाता है कई बार ये डकार से बाहर आ जाती है लेकिन कई बार खाने की तहों के बीच फँस जाती है, और हमारी हिचकी लेना शुरू हो जाता है। और जितनी देर में यह सामान्य नहीं हो जाता हिचकी आती ही रहती हैं। हिचकी इस हवा को बाहर निकालने का उपाय है।


क्यों आती है छोटे बच्चों (शिशुओं) को हिचकी Why do small children (babies) get hiccups?

नवजात शिशुओं में हिचकी जो आमतौर पर कुछ मिनटों से लेकर कुछ घंटों तक रहती है। नवजात शिशुओं में हिचकी लेने का कारण डायाफ्राम की मांसपेशियां, जो पसलियों का आधार बनाती हैं और सांस लेने में मदद करती हैं, में रिफ्लेक्सिव ऐंठन के कारण होती है। हालाँकि यह हिचकी पूरी तरह से हानिरहित होने के साथ-साथ दर्द रहित भी होती है।

शिशुओं में हिचकी का कारण उन्हें ज्यादा फीडिंग कराना, बच्चों को अपने अंदर ज्यादा हवा खींच लेना (जो बच्चे बोतल से दूध पीते हैं वो दूध के साथ हवा भी अंदर खींच लेते हैं जिससे उनका पेट फूल जाता है और हिचकी शुरू हो जाती है 


ज्यादा हिचकी लेने को रोकने के कुछ उपाय :-

वैसे तो हिचकी कुछ देर में ही रुक जाती है। पर यदि आपको ज्यादा हिचकी आ रही हैं और आप परेशान हो रहे हैं तो नीचे कुछ उपाए दिए जा रहे हैं जिससे आप अपनी हिचकी आना रोक सकते हैं !!

1- घूँट घूँट करके थोड़ा पानी पियें।

2- कभी कभी सांस को थोड़ी देर रोकने से भी हिचकी बंद हो जाती है।

3- लेट जाएँ और अपने घुटनों को अपनी छाती तक खींचे और आगे झुकें।

4- चीनी खाने से भी ज्यादा हिचकी आना रुक जाती है।

5- दही में काली मिर्च और मिश्री मिलाकर खाएं।

6- गुब्बारे में हवा भरें।

7- सांस रोकना

8- पेपर बैग का इस्तेमाल

9- छाती पर हल्का दबाव

10- जीभ निकालें

11- नाक पकड़कर पानी पीना


हिचकी आने से जुडी कुछ रोचक बातें  :-


हिचकी आने के बारे में कुछ ऐसे तथ्य जो आप निश्चित रूप से नहीं जानते होंगे -

1- हिचकी का चिकित्सा शब्द (नाम) सिंगल्टस है।

2- हिचकी लगभग सभी स्तनधारियों में पाई जाती है।

3- शिशुओं को अन्य मनुष्यों की तुलना में अधिक हिचकी आती है।

4- मेडिकल साइंस के अनुसार लगातार हिचकी आना एक बीमारी है।

5- अल्ट्रासाउंड से पता चला है कि भ्रूण को भी हिचकी आती है।


आइए हिचकी से जुड़े कुछ सवाल जवाब देखें :-


1. हिचकी को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?

Hiccups is an involuntary contraction of the diaphragm that may repeat several times per minute. The hiccup is an involuntary action involving a reflex arc.


2. हिचकी कितने समय तक चलती है?

ज्यादातर लोगों को कभी-कभी हिचकी आती है। उन्हें केवल कुछ मिनटों तक चलना चाहिए। आप आमतौर पर उनके चले जाने का इंतजार कर सकते हैं या बिना जीपी देखे खुद उनका इलाज कर सकते हैं।


3. आखिर हिचकी क्यों आती है?

हिचकी आना हमारी शरीर की एक प्रक्रिया है. वैज्ञानिकों के मुताबिक हिचकी का संबंध सीधे सांस से है. हमारे डाइजेशन या रेस्पिरेट्री सिस्टम में गड़बड़ी और ज्यादा हलचल होती है तो हिचकी आना शुरू हो जाती है. पेट और फेफड़ों के बीच स्थित डायाफ्राम और पसलियों की मसल्स में कॉन्ट्रक्शन होने के कारण हिचकी आती है !!


4. हिचकी आने से क्या कोई याद करता है?

 जैसे आपको हिचकी आ रही है तो कोई याद कर रहा होगा। सही नाम सोच लेने पर हिचकी रुक जाएगी। इसी तरह किसी को हिचकी चल रही है तो शुभचिंतक साथ वाला एकदम से कोई शॉक करने वाली बात कह देगा, इस मान्यता की वजह से कि अचानक ऐसा कर देने से हिचकी रुक जाएगी। दरअसल ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि हिचकी आने वाले व्यक्ित का ध्यान बांट दिया जाए।


5.नींबू और चीनी भी हैं हिचकी का उपचार

अगर हिचकी वजह से दिल तेज तेज जोर से धड़कता तो नींबू और चीनी का इस्तेमाल करें। नींबू को दो भाग में काटें, एक भाग पर चीनी छिड़कें और उसे चूसें। चीनी को नींबू के साथ चूसने पर हिचकी जल्दी रूक जाती है।


6. हिचकी आने का क्या मतलब होता है?

हिचकी आपके शरीर के सबसे निचले हिस्से डायाफ्राम से आनी शुरू होती है. ये फेफड़ों और पेट के बीच गुंबद के आकार की मांसपेशियां होती हैं. आमतौर पर, जब आप सांस लेते हैं तो डायाफ्राम इसे नीचे की तरफ खींचता है. सांस छोड़ने पर ये वापस आराम की स्थिति में आ जाता है !


7. मिर्च खाने के बाद हिचकी क्यों आती है?

हमें अधिक मिर्च मसालेदार व्यंजन खाने के बाद अथवा हडबडी मे खाना खाने के बाद अचानक ही हिचकी आने लगती है. सामान्य रूप से यह जाना जाता है कि हिचकी आने के पीछे के मूल वजह खुराक के कणो का श्वसन नलिका मे फँस जाना होता है !


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