एक घर में सोना रखा चांदी की दीवार जाने को रास्ता नहीं बाहर से करे पुकार

 Top +30 latest riddles in 2020 (हिंदी पहेलियाँ उतर के साथ 2020)


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(1) बेल पड़ी तालाब में 

फूल खिलाती जाए

एक अचंभा देखो भैया 

फूल बेल को खाए  

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उतर :- दीपक ||


(2) एक अचंभा हमने देखा 

काया है पर है बेकार 

जीवन भर यह साथ निभाए

 ना रोए तू चाहे मार 

उतर :- परछाई  ||


(3) वर्षा सर्दी दूर खड़ी हो

 पथ मे पत्थर कील गड़ी हो 

इन सब से मैं तुम्हें भचाऊ

फिर भी हर दिन रगड़ा जाऊं

उतर :-  जूता ||


(4) बन मे दिखाती है वह छैली

 उसके पेट में लटके थैली 

बच्चे को थैली में छुपाए 

वन में लंबी कूद लगाई लगाए

उतर :- कंगारू ||


(5) हरि हांडी में लाल भात 

सर पर नाक पेट में दांत 

भीगा बकरा उसका नाम

 भूख प्यास का काम तमाम

उतर :- तरबूज ||


(6) एक घर में सोना रखा

 चांदी की दीवार 

जाने को रास्ता नहीं 

बाहर से करे पुकार

उतर :- अंडा ||


(7) सांपों से भरी एक पिटारी

 सब के मुख पर भरी चिंगारी

 तन कर सोए, नहीं वह लटके

 फेके आग जो मुंह को पटके

उतर :-  माचिस ||


(7) मुझ में बाहर सदा ही रहता,  

जगह घेरना मुझको आता, 

हर वस्तु से गहरा रिश्ता, 

हर जगह में पाया जाता 

उतर :- गैस  ||


(8) अधिकारी नहीं पर भीख मांगता है

 लड़की नहीं पर परसों इस्तेमाल करता है

 पुजारी नहीं, पर घंटी बजाता है 

उतर :- बस  कंडक्टर ||


(9) एक चीज का सस्ता रेट, 

लंबी गर्दन मोटा पेट |

पहले खुद का पेट भराए, फिर सब की प्यास बुझाए ||

उतर :- सुराही  ||


(10) सही प्रयोग से घर चमका दूं 

गलत करें तो ले लूं जान 

जंगल में मंगल कर दूं 

कभी शहर कर दूं वीरान 

उतर :- बिजली  ||


(11) लाल हरी नीली रंगों के कई रंग हैं मेरे 

हरदम रहता है मुस्तैद दरबान पास मेरे 

खुश कर देती हूं सबको जो आता पास मेरे 

नहीं कही जाती मैं गुण हैं बहुत अच्छे मेरे 

उतर :- एटीएम मशीन  ||


(12) हरी पेट में रहती 

भरे पेट में है मोती 

जो भी मुझे खाए 

मुंह महक जाए 

उतर :- इलायची ||


(13) नहीं उसे बीमारी कोई 

फिर भी गोली खाती

 छोटी सी है फिर भी वह तो 

सबको को डराती 

उतर :- रिवाल्वर ||


(14) पहले मैं कोयला खाता था 

फिर पीता था डीजल

 अब बिजली का सेवन करता

 जाने क्या आगे होगा इसका जीवन

उतर :- रेल इंजन ||


(15)  तब करता तपस्वी नहीं

 हलधर का बलराम

 माटी से चांदी करे 

ज्ञानी खोलो ना नाम

उतर :- किसान ||


(16) सिर उसका लगता था मटका 

मटकी को घर लाकर पटका 

कुछ को खाया कुछ को फेंका 

मटके का पानी भी गटका

उतर :- नारियल  ||


(17) हरा घेरा, पीला मकान 

उसमे रहते काले इंसान

उतर :- सरसों ||


(18) कश्मीर निवासी, फल मजेदार 

खाए मुझे वह नहीं पड़े बीमार 

उतर :- सेब ||


(19) खाली पेट बड़ी मस्तानी 

लोग कहे पानी की रानी

उतर :- नाव ||


(20) एक बार भोजन कर लो 

तुमको मैं खूब खिलाओ

 अगर दोबारा मुझको चाहो 

नहीं काम  तुम्हारे आऊं

उतर :- पत्तल ||


(21) आगे आगे बहना आई 

पीछे पीछे भैया

 दांत निकाले बाबा आए 

बुर्का ओढ़े मैया 

उतर :- भुट्टा ||


(22) चार अंगुल का पेड़ 

सवा मन का पत्ता

 फल लागे अलग-अलग 

पक जाए इकट्ठा

उतर :- कुम्हार की चाक  ||


(23) अचरज बंगला एक बनाया

  बॉस न बल्ला बंधन धने 

ऊपर  नीव तरे पर घर छाया 

कहे खुसरो घर कैसे बनाया 

उतर :- बाया पंछी का घोंसला ||


(24) मुझमे है ताकत इतनी काट देती हूँ पत्थर को धीरे धीरे

कर लेते ही मुझसे काबू मे घोड़े हाथी और बहुतों को धीरे धीरे

नही बना कोई आकार मेरा तूम बना लेते हो मुझे धीरे धीरे

सब मिल बनवाते है बिगड़े का मुझसे वह भी धीरे धीरे

उत्तर:- रस्सी  ||


(25) माटी रौदूँ चक धर्रूँ, फेर्रूँ बारम्बर।

चातुर हो तो जान ले मेरी जात गँवार।।

उत्तर:- कुम्हार ||


(26) गोरी सुन्दर पातली, केहर काले रंग।

ग्यारह देवर छोड़ कर चली जेठ के संग।

उत्तर:- अहरह की दाल ||


(27) ऊपर से एक रंग हो और भीतर चित्तीदार।

सो प्यारी बातें करे फिकर अनोखी नार।।

उत्तर:- सुपारी ||


(28) लिया जाता है मेरो नाम युगों युगों और सदियों से

मेरे बाद आए थे कान्हा हो जाती है हरयाली मेरे आने से

देखो कैसा हु मै कूट कूट कर भर देता हु उत्साह एक नवयौवना मे

जानते हो पहचानते हो तुम मुझको गाते औ गुनगुनाते हो गीतों मे

उत्तर:- सावन  ||


(29) रहता हु घर मे, होटल और दफ्तर मे अक्षर हैं तीन मेरे पास

पहला अक्षर कट जाऊँ तो नही लगाओगे मुझसे कोई आस
आखिर अक्षर कट जाऊँ तो जाओ तुम तमतमा के मम्मी पास
काम नहीं चलता मेरे बिन फिर भी नही रखते मुझे अपने पास

उत्तर:- गिलास  ||


(30) कागज़ की सी गोल है काया , भरे पेट में पानी |

खाए लगे चटपटे नीके , अर्थ करे सों ज्ञानी ||

उत्तर:- गोलगप्पे ||







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